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class 7 sanskrit bihar board | Bihar board class 7 sanskrit solutions in hindi

 In this section, we are going to learn class 7 sanskrit chapter 1 संस्कृत कक्षा 7 पाठ 1 वंदना bihar board question answer. This Bihar board class 7 sanskrit solutions in hindi or class 7 ka sanskrit bihar board will help you to score good marks in your exam. You must read this section of bihar board class 7 sanskrit solutions.

 CLASS 7 SANSKRIT CHAPTER 1 BIHAR BOARD QUESTION ANSWER

                             

                वन्दना

 

नमस्ते विश्वरूपाय …………….. विश्ववन्द्याय बन्धवे ॥1

समस्त संसार ही जिसका रूप है, प्राणियों के पालन करनेवाले, जन्म, विद्यमानता तथा विनाश करने वाले, संसार के द्वारा वन्दनीय आपके (परमपिता परमेश्वर) लिए नमस्कार हैं।

 

प्रसादे यस्य सम्पत्तिः ……………… शिवाय परमात्मने ॥2

जिसकी कृपा से सम्पत्ति और क्रोध से विपत्ति आती है. उस विशाल परमात्मा शिव के लिए नमस्कार है।

 

ज्ञानं धनं सुखं सत्यं……………… मानवस्तं नमाम्यहम् ॥3

जिनकी कृपा से मनुष्य को ज्ञान, धन, सुख, सत्य, तप और दान बिना मांगे ही मिल जाता है उनको, (परमात्मा को) में प्रणाम करता हूँ।

 

नमामि देवं जगदीशरूपं ………महेश्वरं देवगणैरगम्यम् ॥4

संसार के स्वामी रूप वाले, जगत् के रूप वाले सुन्दर देवता को प्रणाम करता हूँ। उस (देव) के बोधक शब्द समूह महान ईश्वर को जो देवगणों के द्वारा नहीं प्राप्त करने योग्य हैं, कहता हूँ।

 

 

                                              अभ्यासः

मौखिकः

1. उच्चैः वदत

(क) नमामि         नमाव:          नमामः

    वदामि          वदाव:          वदामः

    स्मरामि        स्मराव:         स्मरामः

 (ख) पालकाय           पालकाभ्याम्            पालकेभ्यः

    विनाशाय          विनाशाभ्याम्            विनाशेभ्यः

    विशालाय         विशालाभ्याम्           विशालेभ्यः

 

2. श्लोकान् सस्वरं गायत।

 

3. श्लोकांशान् लिखत

(क) प्रसादे यस्य ……….. विपत्तिः ……….. तथा ।

   …………............ विशालाय …………... परमात्मने ।।

(क) प्रसादे यस्य सम्पत्तिः विपत्तिः कोपेन तथा ।

    नमस्तस्मै विशालाय शिवाय परमात्मने ॥

 

(ख) नमामि देवं …………........................

    ………...................... जगत्स्वरूपम् ।

    ………............तद् वाचक-शब्दवृन्दम्

     महेश्वरं ……………......................…… ||

(ख) नमामि देवं जगदीशरूपं

    स्मरामि रम्यं च जगत्स्वरूपम्

    वदामि तद् वाचक-शब्दवृन्दम्

   महेश्वरं देवगणैरगम्यम्

 

4. उत्तराणि लिखत

(क) शिवस्य प्रसादात् किम् मिलति ?

    शिवस्य प्रसादात् सम्पत्तिः मिलति ।

(ख) कस्य कोपने विपत्तिः लभ्यते ?

    शिवस्य कोपेन विपत्तिः लभ्यते ।

(ग) जगत् कीदृश्यम् अस्ति ?

    जगत् रम्यं अस्ति ।

(घ) संसारस्य विनाशं कः करोति ?

    संसारस्य विनाशं विश्वरूपा  परमात्मा करोति ।

(ङ) प्राणिनां पालनं कः करोति ?

   प्राणिनां पालनं परमात्मा करोति ।

 

5. सुमेलितं कुरुत

(क)

(ख)

सुखम्

सम्पत्तिः

सत्यम्

ग्रहणम्

विपत्तिः

कोपनम्

जन्म

दुःखम्

प्रसाद:

मिथ्या

दानम्

विनाशः

 

 

 

उत्तर-

 – (iv)

– (v)

– (i)

– (vi)

(iii)

– (ii)

 

 

6. रिक्तस्थानानि पूरयत

(क) शिवाय ……......... |  नमः / नमामि

(ख) ………..………… नमः ।   गणेशं / गणेशाय

(ग) ..............नमः ।   सरस्वतीं । सरस्वत्यै

(घ) जगदीशं ………............ |   नमामि / नमः

(ङ) मातरं ……………………   नमः / नमामि

(च) ………………..……… स्मरामि ।  कृष्णं / कृष्णाय

(छ) ………............ नमः |    तस्मात् / तस्मै

 

 

 

उत्तराणि

नमः, गणेशाय, सरस्वत्यै, नमामि, नमामि, कृष्णं, तस्मै ।

 

 

7. सन्धिविच्छेदं कुरुत

नमस्तस्यै नमः + तस्यै

धर्मात्मा – धर्म + आत्मा

गच्छाम्यहम् – गच्छामि + अहम्

जगदीश्वरः – जगत् + ईश्वरः

नमस्कारः – नमः + कारः

गणेशः – गण + ईशः

सदैव – सदा + एव

 

8. वाक्यानि रचयत

गच्छामि – अहम् गृहं गच्छामि |

यूयम् – यूयम् विद्यालयं गच्छथ |

विद्यालयात् – सः विद्यालयात् आगच्छति |

देवम् – अहम् देवम् स्मरामि |

वृक्षेषु – वृक्षेषु फलानि सन्ति |

 

9. पाठभिन्नं श्लोकमेकं स्वस्मरणेन लिखत |

उत्तराणि

त्वमेव माता च पिता त्वमेव

त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव ।

त्वमेव विद्याद्रविणं त्वमेव

त्वमेव सर्वं मम देव देव ।

 

10. संस्कृते अनुवादं कुरुत -

वह पिता को प्रणाम करता है ।  सः पितरं प्रणमति ।

वे दोनों धन प्राप्त करते हैं ।  तौ धनं प्राप्नुवन्तः ।

वे सब सत्य बोलते हैं ।  ते सत्यं वदन्ति ।

तुम वेद पढ़ते हो।   त्वं वेदं पठसि ।

देवता को (देवाय) नमस्कार है ।  देवाय: नमः

तुम दोनों विद्यालय जाते हो ।  युवाम् विद्यालयं गच्छथः ।

तुमलोग कार्य करते हो ।   यूयं कार्यं कुरूथ ।

 

 In this section, we are going to learn class 7 sanskrit chapter 2 संस्कृत कक्षा 7 पाठ 2 कूर्मशशककथा bihar board question answer. This Bihar board class 7 sanskrit solutions in hindi or class 7 ka sanskrit bihar board will help you to score good marks in your exam. You must read this section of bihar board class 7 sanskrit solutions.

  CLASS 7 SANSKRIT CHAPTER 2 BIHAR BOARD QUESTION ANSWER

                                


     


       कूर्मशशककथा

चम्पा के जंगल में तालाब में एक कछुआ रहता था । उसकी मित्रता खरगोश से हो गई । वे दोनों सदा एक साथ रहकर अनेक प्रकार की कथाएँ कहते थे । आपस में बातचीत के द्वारा दोनों में गाढ़ी मित्रता हो गई । एक-बार उन दोनों ने विचार किया कि वन के दूसरे किनारे जाना चाहिए । हम दोनों में कौन पहले पहुँचता है ? कछुआ बोला- मैं ही वहाँ पहले जाऊँगा। खरगोश हँस दिया- तुम तो धीरे-धीरे चलते हो । कैसे पहले वहाँ जाओगे ? मैं ही पहले वहाँ पहुँचूँगा ।

 

कछुआ नियम का पालन करने वाला और परिश्रमी था । वह धीरे-धीरे किन्तु लगातार चल पड़ा । खरगोश देर तक रास्ते में विश्रामकर पुनः तीव्र गति से चला । जब वह जंगल के किनारे पहुँचा तो उसने देखा की कछुआ पहले ही पहुँचा हुआ है। खरगोश लज्जित हो गया । सत्य ही कहा गया है- निरन्तर परिश्रम से असंभव कार्य भी संभव हो जाता है । कहाँ कछुआ की धीमी चाल और कहाँ खरगोश की तीव्र गति । किन्तु लगातार कार्य से कछुआ विजयी हुआ।

 

 

                                                  अभ्यासः

 मौखिकः

1. निम्नलिखितानां पदानाम् अर्थं वदत

  अरण्ये,  कूर्मः,  शशकः,  परस्परम्,  मन्थरगतिः,  दीर्घकालम्,  शनै:-शनैः,   

  निरन्तरम्, एकदा |

उत्तराणि-

अरण्ये वन में                                  कूर्मः कछुआ

शशक: खरगोश                             परस्परम् आपस में

मन्थरगतिः धीमी गति वाला          दीर्घकालम् बहुत समय तक

शनैः-शनैः धीरे-धीरे                       निरन्तरम् लगातार

एकदा एकबार

 

2. इमानि पदानि पठत

            अभवत्            अभवताम्         अभवन्

           अपठत्             अपठताम्          अपठन्

          गच्छेत्            गच्छेताम्            गच्छेयुः

           वदेत्                  वदेताम्              वदेयुः

 

लिखितः

3. निम्नलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तरम् एकवाक्येन लिखत

(क) कस्मिन् अरण्ये एकः कूर्मः निवसति स्म ?

    चम्पारण्ये एकः कूर्म: निवसति स्म ।

(ख) शशक: कस्य मित्रम् आसीत् ?

    शशक कूर्मस्य मित्रम् आसीत् ।

 

(ग) परस्परम् आलापेन तयोः मित्रता कीदृशी जाता ?

    परस्परम् आलापेन तयोः मित्रता दृढ़ा जाता ।

 

(घ) कः विजयी अभवत् ?

   कूर्मः विजयी अभवत् ।

 

(ङ) कः शनैः शनैः चलति ?

   कूर्मः शनैः शनैः चलति ।

 

(च) तीव्रया गत्या क: चलति ?

    तीव्रया गत्या शशकः चलति ।

 

(छ) कूर्मः कीदृशः आसीत् ?

    कूर्मः नियमस्य पालकः सदा परिश्रमी च आसीत् ।

 

4. मञ्जूषायाः उचितपदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत -

   (दृढा,    कूर्मः,    कार्यं,    परिश्रमी,   लज्जितः)

(क) चम्पारण्ये सरोवरे एकः ……….…… निवसति स्म ।

(ख) परस्परम् आलापेन तयोः मित्रता ..……… जाता ।

(ग) कूर्म: नियमस्य पालक: सदा ...…… च आसीत् ।

(घ) शशक: ………...............जातः ।

(ङ) निरन्तरं श्रमेण असम्भवम् अपि ……....…… सम्भवति ।

 

(क) चम्पारण्ये सरोवरे एकः कूर्मः निवसति स्म ।

(ख) परस्परम् आलापेन तयोः मित्रता दृढ़ा जाता ।

(ग) कूर्म: नियमस्य पालक: सदा परिश्रमी च आसीत् ।

(घ) शशक: लज्जितः जातः ।

(ङ) निरन्तरं श्रमेण असम्भवम् अपि कार्यं सम्भवति ।

 

5. सुमेलनं कुरुत –

‘अ’

‘आ’

(क) शशकः

(i) मेहनत से

(ख) कूर्मः

(ii) बहुत समय तक

(ग) श्रमेण

(iii) तालाब

(घ) दीर्घकालम्

(iv) खरगोश

(ङ) अरण्ये

(v) कछुआ

(च) सरोवरः

(vi) जंगल में

 

 

उत्तराणि-

(क) – (iv)       (ख) – (v)        (ग) – (i)    

(घ) – (ii)        (ङ) – (vi)       (च) – (iii)

 

6. निम्नलिखितानां पदानां बहुवचनं लिखत

(क) गच्छति  .........................

(ख) करोति  .........................

(ग) पठति  .........................

(घ) पश्यामि  .........................

(ङ)गमिष्यामि  .........................

(च) चलसि  .........................

(छ) सम्भवति  .........................

 

उत्तराणि

(क) गच्छति गच्छन्ति

(ख) करोति कुर्वन्ति

(ग) पठति पठन्ति

(घ) पश्यामि पश्यामः

(ङ) गमिष्यामि गमिष्याम:

 (च) चलसि चलथ

(छ) सम्भवति सम्भवन्ति

 

7. क्त / क्त्वा प्रत्ययप्रयोगेण रिक्तस्थानानि पूरयत

उत्तराणि

(क) जातः  (ख) स्थित्वा  (ग) भूतः  (घ) पठतः   (ङ) हसित्वा (च) गत्वा

 

8. संस्कृते अनुवादं कुरुत

(क) मैं साइकिल से (द्विचक्रिकया) घर जाता हूँ।

    अहं द्विचक्रिकया गृहं गच्छामि ।

(ख) हम दोनों धीरे-धीरे (शनैः शनैः) उद्यान में टहलते हैं । (अट् = टहलना)

   आवाम् शनैः शनैः उद्याने अटावः ।

(ग) हमलोग संस्कृत लिखते हैं ।  वयं संस्कृतं लिखामः ।

(घ) खरगोश तेज दौड़ता है ।  शशकः तीव्र धावति ।

(ङ) कछुआ धीरे-धीरे चलता है।   कूर्मः शनैः शनैः गच्छति ।

(च) भारत में छह ऋतुएँ होती हैं।  भारते षड् ऋतवः भवन्ति ।

(छ) वसन्त ऋतुओं का राजा है।  वसन्तः ऋतुणाम् राजा अस्ति ।

 

9. अधोलिखितानां पदानां प्रयोगेण वाक्यानि रचयत

   एकत्र,   उपान्ते,   तत्र,   विरम्य,   प्राप्स्यामि |

उत्तराणि-

एकत्र - वयं एकत्र तिष्ठामः ।

उपान्ते - वनस्य उपान्ते नदी बहति ।

तत्र - तत्र बालकः खेलति ।

विरम्य - सः मार्गे विरम्य गृहं गच्छति ।

प्राप्स्यामि अहम् तत्र प्रथमं प्राप्स्यामि |

 

10. पदानि योजयित्वा लिखत

(क) अहम् + एव = ......................

(ख) असम्भवम् + अपि = ......................

(ग) पूर्वम् + एव = ......................

(घ) सत्यम् + उक्तम् = ......................

(ङ) अहम् + अस्मि = ......................

 

उत्तराणि

(क) अहम् + एव = अहमेव

(ख) असम्भवम् + अपि = असम्भवमपि

(ग) पूर्वम् + एव = पूर्वमेव

(घ) सत्यम् + उक्तम् = सत्यमुक्तम्

(ङ) अहम् + अस्मि = अहमस्मि

 

11. अधोलिखितवाक्येषु सत्यम् असत्यम्वा लिखत –

(क) सरोवरे शशकः निवसति ।    (       )

(ख) परस्परम् आलापेन तयोः मित्रता जाता ।    (       )

(ग) कूर्मः मार्गे विरम्य चलितः ।      (       )

(घ) शशक: तीव्रया गत्या अचलत् ।    (       )

(ङ) शशकः निरन्तरं श्रमेण विजयी अभवत्।    (       )

 

उत्तराणि

(क) सरोवरे शशकः निवसति । (असत्यम्)

(ख) परस्परम् आलापेन तयोः मित्रता जाता । (सत्यम्)

(ग) कूर्मः मार्गे विरम्य चलितः । (असत्यम्)

(घ) शशक: तीव्रया गत्या अचलत् । (सत्यम्)

(ङ) शशकः निरन्तरं श्रमेण विजयी अभवत्। (असत्यम्)

 In this section, we are going to learn class 7 sanskrit chapter 3 संस्कृत कक्षा 7 पाठ 3 ऋतुपरिचयः  bihar board question answer. This Bihar board class 7 sanskrit solutions in hindi or class 7 ka sanskrit bihar board will help you to score good marks in your exam. You must read this section of bihar board class 7 sanskrit solutions.

  CLASS 7 SANSKRIT CHAPTER 3 BIHAR BOARD QUESTION ANSWER

                                



                 ऋतुपरिचयः

अस्माकं देशे षट् ……….विद्यालयेषु ग्रीष्मे अवकाशः भवति।

सरलार्थ-हमारे देश में छ: ऋतुएँ होती हैं-वसन्त, ग्रीष्म, वर्षा, शरद्, हेमन्त और शिशिर । वसन्त में सभी वृक्षों में नए पत्ते और फूल होते हैं । सभी जगह सुरम्य समय रहता है न अधिक ठंढ न अधिक गर्मी । कोयलों का मधुर स्वर शोभता है। ग्रीष्म ऋतु में सूर्य की गर्मी तेज होती है । तालाब बहुधा जलशुन्य हो जाते हैं। सभी जीव-जन्तु छाया चाहते हैं । विद्यालयों में गर्मी की छुट्टी होती है।

 

वर्षाकाले आकाशः मेघयुक्तः……..च प्रसिद्धौ उत्सवी भवतः।

सरलार्थ-वर्षाऋतु में आकाश बादलयुक्त रहता है। कभी-कभी वर्षा होती है। सारी पृथ्वी जल से तृप्त होता है। जब अधिक वर्षा होती है तब नदियों में बाढ़ हो जाती है । लोग कष्ट का अनुभव करते हैं। रास्ते टूट जाते हैं । शरत् ऋतु में फिर सुर समय आ जाता है । नदियों में और जलाशयों में जल स्वच्छ हो जाता है। इसी समय दुर्गापूजा और दीपावली दो प्रसिद्ध पर्व होते हैं।

 

हेमन्ते शीतस्य आरम्भः भवति ………………. ऋतुषु वसन्तः राजा कथ्यते ।

सरलार्थ हेमन्त ऋतु में ठंढ़ का प्रारंभ होता है। सूर्य की किरणें अच्छी लगती हैं। खेतों में धान पकते हैं । जिससे किसान प्रसन्न होते हैं । शििशर ऋतु में ठंढ़ की अधिकता हो जाती है । सूर्य की किरण भी कभी-कभी ओस के कणों से लुप्त हो जाती हैं । गरीब लोग ठंढ़ से दुख का अनुभव करते हैं। जहाँ-तहाँ आग जलाकर सेवन किया जाता है । सभी ऋतुओं में वसंत को ऋतुराज कहा जाता है।

 

ग्रीष्मो वर्षाः शरच्चैव हेमन्तो शिशिरं तथा ।

तेषु सर्वेषु राजायं वसन्तो मोददायकः ॥

सरलार्थ-ग्रीष्म, वर्षा, शरत, हेमन्त और शिशिर ऋतुओं में ऋतुराज वसंत आनन्ददायक है।

 

 

                                                     अभ्यासः

मौखिकः

1. अधोलिखितानां पदानाम् उच्चारणं कुरुत

अस्माकम् ,  इच्छन्ति , वृष्टिरपि , तृप्यति , जलप्लावनम् , शरत्काले ,

तुषारैः ,  प्रज्वालितः  , सेवितश्च , ऋतुषु  |

 

2. अधोलिखितानां पदानाम् अर्थं वदत

 किसलयानि,  पादपः,  प्रायेण,  विच्छिन्नाः,  सर्वत्र,  यदा-कदा,  पक्वम्,  तुषारैः, रोचन्ते |

उत्तराणि-

किसलयानि – पत्ते

पादपः - वृक्ष

प्रायेण - प्रायः

विच्छिन्नाः - टूट जाते हैं

सर्वत्र - सभी जगह

यदा-कदा - कभी-कभी

पक्वम् - पका हुआ

तुषारैः - ओस के कणों से

रोचन्ते - अच्छे लगते हैं

 

3. निम्नलिखितानां पदानां बहुवचनं वदत

  इच्छति,  पठसि,  गच्छामि,  भवति,  तृप्यति,  आगच्छति,  बालकः,  फलम् |

 

उत्तराणि

एकवचन बहुवचन

इच्छति इच्छन्ति

पठसि पठथ

गच्छामि गच्छामः

भवति भवन्ति

तृप्यति तृप्यन्ति

आगच्छति आगच्छन्ति

बालकः बालकाः

फलम् फलानि

 

                         लिखितः

4. कोष्ठात् शब्दं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत

(क) अस्माकं देशे …….......... ऋतवः भवन्ति । (पञ्च / षड्)

(ख) शिशिरे …….......... आधिक्यं भवति । (तापस्य / शीतस्य)

(ग) सर्वेषु ऋतुषु राजा …….......... भवति । (वसन्त: / ग्रीष्मः)

(घ) …….......... स्वरः मधुरः भवति । (कोकिलस्य / काकस्य)

(ङ) हेमन्ते …….......... आरम्भः भवति । (शीतस्य / तापस्य)

 

उत्तराणि-

     षड्,   शीतस्य , वसन्तः ,  कोकिलस्य,   शीतस्य

 

5. सुमेलनं कुरुत

       ‘अ’                    ‘आ’

(क) कोकिलः                (i) जलप्लावनम्

(ख) वर्षाः                   (ii) वसन्तः

(ग) ऋतुराजः               (iii) मधुरः स्वरः

(घ) षट्                   (iv) प्रज्वालितः

(ङ) अग्निः                 (v) ऋतवः

 

उत्तराणि-

 (क) – (iii) ,    (ख) – (i),    (ग) – (ii)

(घ) – (v)  ,    (ङ) – (iv)

 

6. निम्नलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तरं पूर्णवाक्येन लिखत

(क) अस्माकं देशे कति ऋतवः भवन्ति ?

    अस्माकं देशे षट् ऋतवः भवन्ति ।

 

(ख) कदा सूर्यस्य तापः प्रखरः भवति ?

    ग्रीष्मे सूर्यस्य तापः प्रखरः भवति ।

 

(ग) विद्यालयेषु अवकाशः कदा भवति ?

    विद्यालयेषु अवकाश: ग्रीष्मे भवति ।

 

(घ) सम्पूर्णा पृथ्वी केन तृप्यति ?

    सम्पूर्णा पृथ्वी जलेन तृप्यति ।

 

(ङ) शीतस्य आरम्भः कदा भवति ?

   शीतस्य आरम्भः हेमन्ते भवति ।

 

7. उदाहरणानुसारं लिखत

यथा –  एकवचनम्             बहुवचनम्

         भवति                भवन्ति

    (क) आगच्छति            ...................

    (ख) इच्छति              ...................

    (ग) तृप्यति              ...................

    (घ) वदसि               ...................

    (ङ) ददामि               ...................

    (च) करोषि               ...................

    (छ) गच्छामि             ...................

    (ज) कथ्यते              ...................

 

    (क) आगच्छति  - आगच्छन्ति

    (ख) इच्छति -    इच्छन्ति

    (ग) तृप्यति  -    तृप्यन्ति

    (घ) वदसि  -    वदथ

    (ङ) ददामि -     ददामः

    (च) करोषि -     कुरुथ

    (छ) गच्छामि -  गच्छामः

    (ज) कथ्यते -    कथ्यन्ते 

 

8. लिखत आम्’ (हाँ) अथवा ’ (नहीं)।          उत्तरम्

यथा अस्माकं देशे षट् ऋतवः भवन्ति         आम् 

(क) विद्यालयेषु हेमन्ते अवकाशः भवति        ..........

(ख) वसन्ते शीतस्य आरम्भः भवति            ..........

(ग) शिशिरे शीतस्य आरम्भः भवति            ..........

(घ) ग्रीष्मे जलाशयाः प्रायेण जलपूर्णाः भवन्ति     ..........

(ङ) निर्धनाः जनाः शीतेन पीडाम् अनुभवन्ति     ..........

 

(क) विद्यालयेषु हेमन्ते अवकाशः भवति         

(ख) वसन्ते शीतस्य आरम्भः भवति            

(ग) शिशिरे शीतस्य आरम्भः भवति            

(घ) ग्रीष्मे जलाशयाः प्रायेण जलपूर्णाः भवन्ति     

(ङ) निर्धनाः जनाः शीतेन पीडाम् अनुभवन्ति    आम्  

 

9. उदाहरणानुसारेण मध्यमपुरुषरूपाणि लिखत

     यथा  पठति      पठसि ।

(क) गच्छति      ................ ।

(ख) पठिष्यति    ................ ।

(ग) कथयति      ................ ।

(घ) गच्छतः      ................ ।

(ङ) पठन्ति        ................ ।

 

 

(क) गच्छति      गच्छसि ।

(ख) पठिष्यति    पठिष्यसि ।

(ग) कथयति      कथयिष्यसि ।

(घ) गच्छतः      गच्छथः ।

(ङ) पठन्ति        पठथ ।

 

10. उदाहरणानुसारेण विभक्तिनिर्णयं कुरुत

यथा  बालकेन    तृतीया विभक्तिः ।

(क) बालकाय       .......................... ।

(ख) नदीनाम्      .......................... ।

(ग) गृहेषु         .......................... ।

(घ) वृक्षैः         .......................... ।

(ङ) लतया        .......................... ।

 

(क) बालकाय       चतुर्थी विभक्तिः ।

(ख) नदीनाम्      षष्ठी विभक्तिः ।

(ग) गृहेषु         सप्तमी विभक्तिः ।

(घ) वृक्षैः         तृतीया विभक्तिः ।

(ङ) लतया        तृतीया विभक्तिः ।

 

11. उदाहरणानुसारेण वचननिर्णय करुत

यथा   नद्यौ    द्विवचनम् ।

(क) लताः        .......................... ।

(ख) लताभिः      .......................... ।

(ग) बालकेषु      .......................... ।

(घ) भवनात्      .......................... ।

(ङ) पुरुषः        .......................... ।

 

 

(क) लताः        बहुवचन  

(ख) लताभिः      बहुवचन  

(ग) बालकेषु      बहुवचन  

(घ) भवनात्      एकवचन  

(ङ) पुरुषः        एकवचन  

  In this section, we are going to learn class 7 sanskrit chapter 4 संस्कृत कक्षा 7 पाठ 4 स्वतन्त्रता-दिवसः bihar board question answer. This Bihar board class 7 sanskrit solutions in hindi or class 7 ka sanskrit bihar board will help you to score good marks in your exam. You must read this section of bihar board class 7 sanskrit solutions.

 CLASS 7 SANSKRIT CHAPTER 4 BIHAR BOARD QUESTION ANSWER

                            




                 स्वतन्त्रता-दिवसः

 

कुन्तल : मित्र ! तुम इस समय भी तैयार नहीं हुए हो? कब विद्यालय चलोगे ?

रहीम : अच्छी बात है, तुरंत आता हूँ। हम दोनों साथ ही विद्यालय चलेंगे

कुन्तल : चलो, चलो, शीघ्र । विद्यालय में स्वतंत्रता दिवस का समारोह है । वहाँ झण्डा फहराने के लिए मंत्री आएँगे ।

(दोनों जाते हैं।)

 

रहीम : देखो, देखो, कुन्तल ! यह जोसफ आ रहा है । वह विद्यालय जाने के लिए दौड़ रहा है । (जोसफ के प्रति) नहीं, नहीं, मित्र ! मत दौड़ो । हमलोग साथ हो चलेंगे।

(सभी विद्यालय पहुंचते हैं ।)

शीला : स्वागत है, स्वागत है ! आइए । ध्वजोत्तोलन स्थल पर सभी आचार्य और प्रधानाचार्य उपस्थित हैं । मन्त्री महोदय भी शीघ्र ही आ जाएँगे । चलें । अपने स्थान खडे हो जाएँ । (मन्त्री महोदय झंडा फहराते है । इसके पश्चात् स्वतंत्र दिवस का महत्त्व बतलाते हैं।)

 

मन्त्री : इस विद्यालय के माननीय प्राचार्य, आचार्यगण, प्रिय छात्रगण ! निश्चय ही स्वतंत्रता दिवस का शुभ अवसर प्रतिवर्ष आता है और हमारे देश के पूर्व लोगों के बलिदान को कहता है । किन्तु संयम हमारा धन है । शास्त्र कहते हैं-आत्मा के प्रतिकूल दूसरों के प्रति व्यवहार नहीं करना चाहिए।हमारे देश के एक-एक लोग आज आनन्दित हैं । इस समय हमलोग पूरी तरह से स्वतंत्र हैं।

अत: वही कार्य करने योग्य है जिससे सभी लोग सुखी रहे । किसी को कहीं भी दुःख नहीं हो । यहाँ जीवन की समानता वाञ्छित है। सभी लोग समान हैं। कहीं भी विषमता नहीं होना चाहिए । धर्म, जाति, वर्ग, प्रान्त, वेश-भूषा, आहार और कार्य अलग हो किन्तु सभी इस देश के स्वतंत्र नागरिक हैं । अत: कभी भी असमान व्यवहार नहीं करना चाहिए । तभी स्वतंत्रता का वास्तविक महत्त्व होगा। भारत की जय, भारतीयों                                                                                                                                                                                                         की जय ।

 

(यह कहकर मन्त्री महोदय नमस्कार करते हैं । मिठाई लेकर सभी घर जाते हैं ।)

 

 

                                                      अभ्यासः

मौखिकः

1. अधोलिखितानां पदानाम् उच्चारणं कुरुत

इदानीमपि, प्रस्तुतः, गमिष्यावः, ध्वजस्य, उत्तोलनाय, चलिष्यामः, प्रधानाचार्यः, शीघ्रमागमिष्यति, प्रतिवर्षम्, पूर्वपुरुषाणाम्

 

2. निम्नलिखितानां पदानाम् अर्थं वदत

आवाम्, गमिष्याव:, उत्तोलनाय, उभौ, मा, बोधयति, प्रतिष्ठितः, अस्माकम्, अद्य, आत्मनः, प्रतिकूलानि, परेषाम्, समाचरेत्, अपेक्षितः, कथयित्वा, गृहीत्वा |

उत्तराणि

आवाम् हम दोनों                गमिष्यावः – (हमदोनों) जाएँगे

उत्तोलनाय फहराने के लिए        उभौ दोनों

मा नहीं                       बोधयति बतलाता है

प्रतिष्ठितः सम्मानित            अस्माकम् हमलोगों का

अद्य आज                    आत्मनः अपने

प्रतिकूलानि विपरीत             परेषाम् दूसरों का

समाचरेत् व्यवहार करना चाहिए   अपेक्षितः वाञ्छित

कथयित्वा कहकर               गृहीत्वा लेकर

 

3. निम्नलिखितानां धातुरूपाणां पाठं कुरुत

    आगच्छति       आगच्छतः      आगच्छन्ति

    आगच्छसि       आगच्छथः       आगच्छथ

    आगच्छामि      आगच्छाव:       आगच्छामः

 

4. स्वतन्त्रतादिवसस्य विषये हिन्दीभाषायां पञ्च वाक्यानि वदत ।

उत्तरम् :- 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश स्वतंत्र हुआ । आज हम स्वतंत्र हैं। 15 अगस्त को प्रतिवर्ष स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इस दिन हम अपने पूर्वजों के बलिदान को याद करते हैं । हमें आपस में मिल-जुलकर संयम से रहना चाहिए ।

 

 

                        लिखित

5. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तरं पूर्णवाक्येन लिखत

(क) स्वतन्त्रतादिवसः कदा आयोजितः ?

    स्वतन्त्रतादिवसः अगस्तमासस्य पञ्चदशतिथौ आयोजितः ।

 

(ख) अस्मिन् पाठे कः प्रथम: वक्ता ?

    अस्मिन् पाठे कुन्तलः प्रथम: वक्ता ।

 

(ग) ध्वजोत्तोलनाय कः आगच्छति ?

    ध्वजोत्तोलनाय मन्त्री महोदयः आगच्छति ।

 

(घ) अस्माभिः कीदृशः व्यवहारः न करणीयः ?

    अस्माभिः विषमः व्यवहारः न करणीयः ।

 

(ङ) ‘जयतु भारतम्, जयन्तु भारतीयाःइति कथयित्वा मन्त्री महोदयः किं करोति ?

   ‘जयतु भारतम्, जयन्तु भारतीयाःइति कथयित्वा मन्त्री महोदयः नमस्कारं

    करोति ।

 

6. सुमेलनं कुरुत

(क) स्वतन्त्रतादिवसः            (i) वह

(ख) अहम्                    (ii) यह

(ग) आवाम्                    (iii) हमलोग

(घ) वयम्                     (iv) हमदोनों

(ङ) अयम्                     (v) मैं

(च) सः                      (vi) 15 अगस्त 1947

 

उत्तराणि-

(क) – (vi),   (ख) – (v),    (ग) – (iv)

(घ) – (iii),   (ङ) – (ii),    (च) – (i)

 

7. कोष्ठात् पदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत

(क) आवां सहैव विद्यालयं ………………….. । (गमिष्यामः / गमिष्याव:)

(ख) ध्वजस्य उत्तोलनाय …………………. आगच्छति । (मन्त्री / प्रधानमन्त्री)

(ग) स्वतन्त्रतादिवसस्य शुभः अवसरः ……..... आयाति । (प्रतिवर्षम् / प्रतिमासम्)

(घ) अधुना वयं सर्वथा ……................... ।   (स्वतन्त्राः / परतन्त्रा:)

(ङ) तदेव कार्यं करणीयं येन सर्वे जनाः ...... भवन्तु । (प्रमुदिताः / खिन्ना:)

 

 

उत्तराणि-

गमिष्याव:मन्त्रीप्रतिवर्षम्स्वतन्त्राःप्रमुदिताः

 

8. अधोलिखितवाक्येषु सत्यम्  ‘असत्यम्वा लिखत -

(क) विद्यालये स्वतन्त्रतादिवसस्य भव्यः समारोहः अस्ति । सत्यम्

(ख) विद्यालये ध्वजस्य उत्तोलनाय मुख्यमन्त्री आगच्छति । असत्यम्

(ग) स्वतन्त्रतादिवसः अस्माकं देशस्य पूर्वपुरुषाणां बलिदानं बोधयति । सत्यम्

(घ) अधुना वयं सर्वथा स्वतन्त्राः ।  सत्यम्

(ङ) “आत्मनः प्रतिकूलानि परेषां न समाचरेत् ।” – सत्यम् 

 

9. शब्दान् दृष्ट्वा लिखत

गमिष्याव:, शीघ्रम्, प्रधानाचार्यः, ध्वजोत्तोलनम्, महत्वम्, पूर्वपुरुषाणाम्, शास्त्राणि, प्रमुदिताः, अपेक्षिता, व्यवहारः, स्वतन्त्रतायाः, मधुरान्नम्

 

10. मन्त्री महोदय स्वतन्त्रता दिवस के विषय में जो कुछ कहते हैं उससे क्या शिक्षा मिलती है ?

उत्तर :- हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी धर्म, जाति, वेश-भूषा इत्यादी के आधार पर असमान व्यवहार नहीं करना चाहिए, तभी स्वतंत्रता का वास्तविक महत्त्व होगा।

 

11. निम्नलिखितानां पदानां सन्धिं सन्धि-विच्छेदं वा कुरुत -

सहैव = सह + एव

ध्वज + उत्तोलनम् = ध्वजोतोलनम्

प्रधानाचार्य: = प्रधान + आचार्य:

एक + एकः = एकैकः

तदेव = तत् + एव

तदा + एव = तदैव

कुत्रापि = कुत्र + अपि

कस्य + अपि = कस्यापि

 

 In this section, we are going to learn class 7 sanskrit chapter 5 संस्कृत कक्षा 7 पाठ 5  प्रहेलिकाः bihar board question answer. This Bihar board class 7 sanskrit solutions in hindi or class 7 ka sanskrit bihar board will help you to score good marks in your exam. You must read this section of bihar board class 7 sanskrit solutions.

   CLASS 7 SANSKRIT CHAPTER 5 BIHAR BOARD QUESTION ANSWER

                                             



              प्रहेलिकाः

 

अपदो दूरगामी च…………….यो जानाति स पण्डितः ॥1

पैर नहीं है और दूर तक जाता हूँ, अक्षर युक्त हूँ लेकिन पण्डित नहीं हूँ। मुख नहीं है लेकिन स्पष्ट बोलता हूँ । जो जानता है वह पण्डित है। (पत्र)

 

न तस्यादिः न तस्यान्तः……………यदि जानासि तद् वद ॥2

न तो उसके प्रारंभ में हूँ और न अन्त में । बीच में रहता हूँ। मुझे भी और तुझे भी है । यदि जानते हो तो कहो । (नयन)

 

नानं फलं वा खादामि………………….समय बोधयामि च ॥3

न तो अन्न खाता हूँ, न फल खाता हूँ और न कभी जल पीता हूँ। दिन-रात चलता रहता हूँ और समय बतलाता हूँ । (घड़ी)

 

मुखं कृष्णं वपुः क्षीणं………………रसवत्यां वसाम्यहम् ॥4

मुख काला है, शरीर पतला है, पेटी में बन्द रहता हूँ, रगड़ने पर शीघ्र जलता हूँ और रसोई घर में रहता हूँ । (माचिस)

 

तिष्ठामि पादेन बको न पङ्गुः ………………..सेव्योऽस्मि कोऽहं नपतिर्न देवः ॥5

मैं एक पैर से ठहरता हूँ न तो मैं बगुला है और न लँगड़ा । फलों का दानी हूँ विना परिश्रम और कर्म के । मूक होकर रहता हूँ न तो मैं मुनि हूँ और न गंगा । सेवन करने योग्य हूँ न राजा हूँ और न देवता । (वृक्ष)

 

 


                        अभ्यासः

मौखिकः

1. अधोलिखितानां पदानाम् उच्चारणं कुरुत

  अपदः, स्फुटवक्ता, तस्यादिः, तस्यान्तः, यस्तस्य, ममाप्यस्ति, तवाप्यस्ति, सेव्योऽस्मि, कोऽहम्, नृपतिर्न, मञ्जूषायाम्  |

 

2. निम्नलिखितानां पदानाम् अर्थ वदत

अपदः, तस्यादिः, ममाप्यस्ति, मूकः, कृष्णम्, घर्षणम्, मञ्जूषायाम्, दहत्याशु, रसवत्याम् |

उत्तराणि-

अपदः - बिना पैर वाला        तस्यादिः - उसका आरंभ

ममाप्यस्ति - मुझे भी है        मूकः - गूँगा

कृष्णम् – काली               घर्षणम् - रगड़ना

मञ्जूषायाम् – पेटी में          दहत्याशु - शीघ्र जलती है

रसवत्याम् - रसोई में

 

3. स्वमातृभाषायाम् एकां प्रहेलिकां वदत ।

    अगर प्यास लगे तो इसको पी सकते हैं,

    भूख लगे तो इसको खा सकते हैं,

    अगर ठंड लगे तो इसको जला भी सकते हैं,

    बोलो क्या है यह चीज?    

 

            (नारियल)

 

4. निम्नलिखितानां धातु-रूपाणां पाठं कुरुत

पुरुषः

एकवचनम्

द्विवचनम्

बहुवचनम्

प्रथमपुरुषः

अस्ति

स्तः

सन्ति

मध्यमपुरुषः

असि

स्थः

स्थ

उत्तमपुरुषः

अस्मि

स्वः

स्मः

 

                      लिखितः

5. निम्नलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तरम् एकपदेन लिखत -

(क) वयं काभ्यां पश्यामः ?    नेत्राभ्यां

(ख) का भोजनं न करोति ?    घटिका

(ग) कस्य आदौ अन्ते च भवति ?  नयनस्य

(घ) मुखेन विना कः वदति ?    पत्रम्

(ङ) पत्रवाहक: किं वितरति ?    पत्रम्

(च) का फलं न खादति ?   वृक्षः

(छ) घर्षणेन का दहति ?    अग्निशलाका

 

6. मञ्जूषायाः उचितपदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत

(अन्तः, जीवामि, पादेन, पिबामि,  कृष्णम्,  समयं,  पण्डितः)

(क) साक्षरो न च ……………….......……

(ख) न तस्यादिः न तस्य ……………….

(ग) तिष्ठामि ………………. बको न पङ्गुः ।

(घ) मौनेन ………...…………. मुनिर्न पुङ्गु  

(ङ) न ................….. जलं क्वचित् ।

(च) चलामि दिवसे रात्रौ …………. बोधयामि ।

(छ) मुखं …………................ वपुः क्षीणम् ।

 

(क) साक्षरो न च पण्डितः

(ख) न तस्यादिः न तस्य अन्तः

(ग) तिष्ठामि पादेन बको न पङ्गुः ।

(घ) मौनेन जीवामि मुनिर्न पुङ्गु ।

(ङ) न पिबामि जलं क्वचित् ।

(च) चलामि दिवसे रात्रौ समयं बोधयामि ।

(छ) मुखं कृष्णं वपुः क्षीणम् ।

 

 7. विपरीतार्थकशब्दयोः सुमेलनं कुरुत –

(क) इतः

(i) न

(ख) उपरि

(ii) अन्तः

(ग) आम्

(iii) ततः

(घ) आदिः

(iv) अधः

(ङ) मम

(v) यदा-कदा

(च) निरन्तरम्

(vi) तव

 

 

उत्तराणि-

(क) – (iii)     (ख) – (iv)       (ग) – (i)

(घ) – (ii)      (ङ) – (vi)       (च) – (v)

 

8. उदाहरणानुसारं रिक्तस्थानं पूरयत

         उत्तमपुरुषः           मध्यमपुरुषः

यथा      वदामि              वदसि

        (i) जानामि         …………………

        (ii) पिबामि         …………………

        (iii) …………………       वससि

        (iv) …………………   –    बोधयसि

        (v) खादामि         …………………

 

उत्तराणि

        (i) जानामि         जानासि

        (ii) पिबामि         पिबसि

        (iii) वसामि         वससि

        (iv) बोधयामि     –   बोधयसि

        (v) खादामि        खादसि

 

9. उदाहरणानुसारेण वचनपरिवर्तनं कुरुत

 

एकवचनम्

द्विवचनम्

यथा -

खादति

खादतः

(क)

चलामि

...............

(ख)

लिखसि

...............

(ग)

पठिष्यति

...............

(घ)

अस्ति

...............

(ङ)

दहति

...............

(च)

वसामि

...............

(छ)

तिष्ठसि

...............

 

(क)

चलामि

चलावः

(ख)

लिखसि

लिखथः

(ग)

पठिष्यति

पठिष्यतः

(घ)

अस्ति

स्तः

(ङ)

दहति

दहतः

(च)

वसामि

वसावः

(छ)

तिष्ठसि

तिष्ठथः

 

10. वाक्यनिर्माणं कुरुत

    देवः,  वृक्षः,  नयनम्,  पत्रम्,  चलामि,  पठसि,  खादति,  फलम् |

उत्तराणि-

   देवः देवः सर्वव्यापी अस्ति ।

   वृक्षः वृक्षः हरितः अस्ति ।

   नयनम् तव नयनम् शोभनं वर्तते ।

   पत्रम् अहं पत्रं लिखामि ।

   चलामि अहं एकपादेन चलामि ।

   पठसि त्वं पुस्तकं पठसि ।

   खादति सीता फलं खादति ।

   फलम् अहं फलं खादामि ।

 

11. एतेषु किं ‘सत्यम्  ‘असत्यम्  वा लिखत

यथा - वृक्षः फलं ददाति   सत्यम्

(क) मत्स्याः तडागे निवसन्ति    .................

(ख) शिवः त्रिनेत्रधारी कथ्यते     .................

(ग) बकाः मत्स्यान् न खादन्ति   .................

(घ) घटिका समयं बोधयति      .................

(ङ) अग्निशलाका घर्षणेन दहति   .................

 

(क) मत्स्याः तडागे निवसन्ति   सत्यम्

(ख) शिवः त्रिनेत्रधारी कथ्यते   सत्यम्

(ग) बकाः मत्स्यान् न खादन्ति  असत्यम्

(घ) घटिका समयं बोधयति   सत्यम्

(ङ) अग्निशलाका घर्षणेन दहति  सत्यम्

 

 12. अधोलिखितानां पदानां सन्धिविच्छेदं कुरुत

   दहत्याशु,  कोऽयम्,   नृपतिर्न,   सेव्योऽस्मि,  तस्यान्तः,  तवाप्यस्ति |

 

उत्तराणि-

दहत्याशु = दहति + आशु

कोऽयम्कः = कः + अयम्

नृपतिर्न = नृपतिः + न

सेव्योऽस्मि = सेव्यः + अस्मि

तस्यान्तः = तस्य + अन्तः

तवाप्यस्ति = तव + अपि + अस्ति

 

13. संस्कृते अनुवादं कुरुत

(क) कुन्तल विद्यालय कब (कदा) जाएगा? कुन्तलः विद्यालयं कदा गमिष्यति?

(ख) शीला और रहीम कब आएँगे ? शीला रहीमः च कदा आगमिष्यतः?

(ग) वे लोग मिठाई खाएँगे ।  ते मिष्ठान्नं खादिष्यन्ति ।

(घ) मैं विद्यालय जाऊँगा ।  अहं विद्यालयं गमिष्यामि ।

(ङ) गर्मी में नदियाँ सूख जाएँगी ।  ग्रीष्मे नद्यः शुष्यन्ति ।

(च) अब (इदानीम्) तुम क्या करोगे ?  इदानीं त्वं किं करिष्यसि?

(छ) हमलोग राजगीर जाएँगे ।  वयं राजगृहं गमिष्यामः ।

 

 

 

 

 

 

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